UP Bhagya Laxmi Yojana 2024:“उत्तर प्रदेश भाग्यलक्ष्मी योजना” एक सरकारी योजना है जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य के गरीब और वंचित वर्गों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इस योजना के अंतर्गत, गरीब और वंचित वर्गों को विभिन्न क्षेत्रों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में मदद मिल सके।
यूपी भाग्य लक्ष्मी योजना की शुरुआत 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा की गई थी और इसे उत्तर प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत राज्य के गरीब परिवारों को प्रत्येक बालिका के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके साथ ही बच्ची की मां को अच्छे पोषण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए 5100 रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। प्रत्येक बालिका के माता-पिता को छठी कक्षा में पढ़ने पर 3,000 रुपये, आठवीं कक्षा में पढ़ने पर 5,000 रुपये, 10 वीं कक्षा में पढ़ने पर 7,000 रुपये और 12 वीं कक्षा में पढ़ने पर 8,000 रुपये मिलेंगे।
जब लड़की 21 वर्ष की हो जाएगी, तो राज्य सरकार लड़की की शादी के लिए प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
उत्तर प्रदेश भाग्य लक्ष्मी योजना लाभार्थी |
☞गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में 31 मार्च 2006 के बाद जन्मी लड़कियां पात्र हैं।
☞परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
☞जन्म के एक वर्ष के भीतर आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकरण आवश्यक है।
☞प्रति परिवार दो लड़कियों को लाभ मिल सकता है।
☞लड़की को स्वास्थ्य विभाग से टीकाकरण अवश्य कराना चाहिए।
☞कार्यक्रम में लड़कियों की शादी 18 साल से पहले नहीं हो सकती.
☞लड़की का आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक नहीं हो सकता।
उत्तर प्रदेश भाग्य लक्ष्मी योजना 2024 के लिए जरुरी दस्तावेज |
- बेटी का आधार कार्ड
- माता-पिता का आधार कार्ड
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
- पारिवारिक आय का प्रमाण
- कास्ट सर्टिफिकेट (यदि कोई हो)
- निवास प्रमाण
- राशन कार्ड
- बैंक खाता संख्या
- मोबाइल नंबर
- पासपोर्ट के आकार की तस्वीर
- BPL कार्ड
यूपी भाग्य लक्ष्मी योजना आवेदन प्रक्रिया |
आवश्यक विवरण भरें जैसे बेटी, माता और पिता का नाम। आवश्यक दस्तावेजों की तस्वीरें और फोटोकॉपी अटैच करें। फिर, अपना फॉर्म जमा करने के लिए अपने स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र या महिला एवं बाल विकास कार्यालय में जाएँ।